भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने जूता फेंकने का प्रयास किया। घटना के तुरंत बाद, वकील राकेश किशोर को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ बेंगलुरु के विधान सौधा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 132 और 133 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने और उनके अपमान से संबंधित हैं।
घटना के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उन्हें सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया।
कर्नाटक के विभिन्न संगठनों ने इस कृत्य की निंदा की है और राकेश किशोर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे न्यायपालिका का अपमान बताते हुए ऐसे कृत्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।
इस घटना ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं और इसे लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है।