मणिपुर में 3 मई 2025 को होने वाली जातीय हिंसा की दूसरी बरसी के मद्देनजर, राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है। इस दिन 2023 में मेइतेई और कूकी-जो समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत और 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे ।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इंफाल के खुमान लामपाक स्टेडियम में ‘मणिपुर पीपल्स कन्वेंशन’ आयोजित किया गया है, जिसमें मेइतेई और कूकी-जो समुदायों के लोग एकत्र हो रहे हैं । सुरक्षा बलों ने कांगला गेट और अन्य संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ा दी है और वाहनों की जांच तेज कर दी है ।
राज्यव्यापी बंद के दौरान, बाजार बंद हैं, सार्वजनिक परिवहन निलंबित है और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह कदम असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है ।
मणिपुर सरकार ने 2024 में जातीय हिंसा के लिए खेद व्यक्त किया था, लेकिन स्थिति में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता बनी हुई है ।