मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल के नवाब मोहम्मद हमीदुल्लाह खान की लगभग ₹15,000 करोड़ की पारिवारिक संपत्तियों पर चल रहे विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 2000 में दिए गए आदेश को पलटते हुए सैफ अली खान सहित पटौदी परिवार के सदस्यों की अपील खारिज कर दी है, जिनमें उनकी माता शर्मिला टैगोर और बहनें सोहा-सबा भी शामिल हैं। अदालत ने इस संपत्ति को “शत्रु संपत्ति” घोषित करते हुए ट्रायल कोर्ट को एक बार फिर सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं और कार्यवाही को एक वर्ष के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।
इसका कारण है 1968 का Enemy Property Act — नवाब की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के चलते संपत्ति को इस श्रेणी में रखा गया। ट्रायल कोर्ट का पिछला फैसला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अब अमान्य हुए ‘Talat Fatima Hasan’ प्रीसीडेंट पर आधारित था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इस फैसले के बाद सैफ अली खान की कई ऐतिहासिक संपत्तियाँ जैसे फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा एस्टेट अब सरकारी नियंत्रण के दायरे में आ सकती हैं।