गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा दल के जवानों का अभिनंदन करते हुए कहा कि मोदी सरकार तब तक विश्राम नहीं करेगी जब तक कि सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न करें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न कर दिए जाएँ। उन्होंने यह रणनीतिक स्पष्टता मार्च 2026 तक भारत को नक्सल-रहित बनाने के लक्ष्य के संदर्भ में दोहराई।
शाह ने ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को देश की एंटी-नक्सल अभियान की इतिहास-चिह्नित सफलता बताया। कठिन पर्वतीय क्षेत्र, उँचाई, तेज गर्मी और IED के खतरे के बीच जवानों ने अत्यंत साहस और उत्साह दिखाया और कर्रेगुट्टू पहाड़ी पर नक्सल बेस कैंप, आपूर्ति श्रृंखलाओं और महत्वपूर्ण सामग्री डंप को नष्ट कर दिया।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि नक्सलियों ने देश के पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा, चिकित्सा और योजनाओं की पहुंच को बाधित किया है, लेकिन सरकारी अभियान के कारण अब लगभग 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में सुधार की नई सुबह देखी जा रही है, जो पशुपतिनाथ से तिरुपति तक फैला क्षेत्र है।
शाह ने कहा कि सरकार एंटी-नक्सल ऑपरेशन में घायल सुरक्षा बलों की सहायता सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठा रही है, ताकि उनकी जीवन-यात्रा आसान हो सके।