मध्य पूर्व संकट के बीच कच्चे तेल की कीमतें पांच महीने के उच्चतम स्तर पर, भारत के पास पर्याप्त भंडार: पुरी

मध्य पूर्व में हालिया तनाव और यूएस–ईरान तथा इजराइल–ईरान संघर्षों के बीच ग्लोबल क्रूड की कीमतें जनवरी के बाद सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई हैं। अमेरिकी WTI लगभग $75.7 प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड $78–81 के दायरे में रहा। तेल की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में संभावित आपूर्ति रुकावट की आशंका है, जो विश्व तेल उत्पादन का लगभग 20% पार्सल संभालता है ।

हालाँकि, भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा दिलाया है कि देश के पास तेल भंडार ‘कई सप्ताहों’ तक के लिए सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे विकल्पों से इंधन आपूर्ति को विविधित किया है, जिससे स्ट्रेट ऑफ होर्मुज पर निर्भरता कम हुई है । भारत की तेल मार्केटिंग कंपनियाँ और रणनीतिक रिज़र्व ऐसी वैश्विक अनिश्चितता से निपटने में सक्षम हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि यदि तनाव लंबा खिंचता है, तो वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बनेगा—महँगाई बढ़ेगी और मौद्रिक घाटा बढ़ने की आशंका भी रहेगी । लेकिन अभी भारत की तैयारियों ने संभावित झटकों से पार पाने का भरोसा दिया है।

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