जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम आतंकवादी हमले के संदिग्ध आतंकियों की पहचान हो जाने की जानकारी दी और कहा कि उनकी अब लंबी जिंदगी नहीं है। गांधी स्मृति में ‘जम्मू-कश्मीर: शांति की ओर’ कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि आतंकवादी पाकिस्तान से प्रेरित थे और “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत उनकी आधिकारिक पहचान की गई है।
सिन्हा ने स्पष्ट किया कि NIA मामले की जांच कर रही है, और आतंकियों के नाम और तस्वीरें मीडिया में साझा की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “उनकी जिंदगी लंबी नहीं रहेगी; पिछले पांच साल में किसी भी बड़ा आतंकवादी नेता जीवित नहीं बचा” ।
उपराज्यपाल ने चेतावनी दी कि कश्मीर घाटी के शांति भंग करने का प्रयास बेअसर रहेगा और भारत आतंकवाद के प्रति निडर रहेगा। उन्होंने पाकिस्तान को बताया कि भारत किसी भी तरह के खौफ या आक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस बयान का राजनीतिक और सुरक्षा दृष्टांत दोनों स्तरों पर गहरा असर हुआ। विपक्षी दलों ने जानकारी की पारदर्शिता की मांग की, जबकि प्रशासन ने घाटी में सुरक्षा व्यवस्था में और मजबूती लाने का आश्वासन दिया।