भारत सरकार ने गुवाहाटी में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) स्थापित करने के लिए भारतीय संसद से विधेयक पारित करवा लिया है। यह गुवाहाटी में पहला और उत्तर-पूर्वी भारत में दूसरा IIM होगा, जो IIM शिलांग के बाद क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए ₹550 करोड़ का कोष आवंटित किया है। यह राशि 2025 से 2030 तक के पांच वर्षों के लिए होगी, जिसके बाद IIM गुवाहाटी को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। यह कदम विशेष विकास पैकेज का हिस्सा है, जो 2023 में केंद्र और राज्य सरकारों तथा यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के बीच शांति समझौते के तहत लिया गया था।
IIM गुवाहाटी को IIM अहमदाबाद द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। शिक्षण सत्र इस वर्ष से अस्थायी परिसर से शुरू होगा, जबकि स्थायी परिसर कामरूप जिले के पलासबाड़ी में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह असम को शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनाएगा।
इस पहल से न केवल असम, बल्कि पूरे उत्तर-पूर्वी भारत में उच्च शिक्षा और प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खुलेगा।