भारतीय तफ्तीश एजेंसियों ने कर्नाटक में वाल्मीकि विकास निगम घोटाले की साज़िश को लेकर बाज़ी पलट दी है। बुधवार सुबह ED ने कांग्रेस के बेल्लारी सांसद ई. तुकाराम और तीन विधायकों – ना.रा. भरत रेड्डी, जे.एन. गणेश (काम्प्ली गणेश) और गोवर्धन (नागेंद्र के व्यक्तिगत सहायक) के ठिकानों पर छापे मारे। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत चल रही जांच का हिस्सा हैं, जिसमें आरोपितों पर जनजातीय भलाई के नाम पर रखे गए कोषों की बड़ी रकम को फर्जी खातों और कंपनियों के ज़रिए चुनाव प्रचार में खपाने का इल्ज़ाम है ।
ED की टीम ने आठ जगहों — जिसमें पाँच बेल्लारी व तीन बेंगलुरु की लोकेशन्स शामिल हैं — की तलाशी ली। जांच के मुताबिक, कर्नाटक महार्षि वाल्मीकि एसटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के खाते से करोड़ों रुपये ग़ैरकानूनी रूप से ट्रांसफर कर उनके चुनावी अभियान में इस्तेमाल किए गए थे ।
यह जांच जुलाई 2024 में शुरू हुई थी, जब निगम के एक अधिकारी की आत्महत्या और उसके द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में ₹187 करोड़ के गड़बड़ आरोप उजागर हुए। उस समय के कांग्रेसी मंत्री बी. नागेंद्र ने इस्तीफा दिया था और ED ने उन पर PMLA का मामला दर्ज कर लिया था ।
अब एजेंसी ने कांग्रेसी नेताओं के ठिकानों पर छापे से यह संकेत दिया है कि जांच में चरम मोड़ आ गया है। आने वाले समय में मध्य प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में इस मामले का सियासी असर और जांच की दिशा जनता व मीडिया की निगाहों में रहेगी।