8 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा नवंबर 2024 में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और नगर निगम दिल्ली (MCD) पर यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर लगाए गए ₹50.44 करोड़ के पर्यावरणीय जुर्माने पर स्थगन आदेश जारी किया। कोर्ट ने दोनों एजेंसियों द्वारा दायर अपीलों पर नोटिस जारी करते हुए यह रोक लगाई।
NGT की ओर से ज़ारी आदेश में, DJB और MCD को प्रत्येक ₹25.22 करोड़ CPCB में जमा करने और सिवर सिस्टम से हो रही गंदगी को हटाने, स्टॉर्मवॉटर ड्रेनों को साफ़ रखने, और सीवेज को ठीक से STP से गुज़ारकर ही यमुना में जाने की अनुमति देने जैसे निर्देश दिए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में DJB की ओर से प्रस्तुत वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने तर्क दिया कि जुर्माना सार्वजनिक संस्थानों पर अत्यधिक वित्तीय बोझ डालता है, जबकि अनुपालन और जवाबदेही संबंधित विवाद अब भी लंबित हैं।
यह निर्णय यमुना प्रदूषण से संबंधित कार्यवाही में न्यायिक संतुलन और प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने की ओर उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।