लखनऊ की एक अदालत ने 2000 में हुए व्यापारी मनोज कुमार सिंह और उनके चालक रवि श्रीवास्तव की हत्या के मामले में सीरियल किलर राजा कोलंदर (जिसे राम निरंजन भी कहा जाता है) और उसके साथी बच्चराज कोल को दोषी ठहराया है।
यह मामला शंकरगढ़, प्रयागराज के जंगलों में पीड़ितों के सिर कटा शव मिलने के बाद सामने आया था। शवों की खोपड़ी कभी बरामद नहीं हो सकी। कोलंदर ने पीड़ितों को “बीमार यात्री” के रूप में लाकर उनका अपहरण किया और हत्या की।
प्रारंभिक जांच में कोलंदर पर शक जताया गया था, लेकिन मामला वर्षों तक अदालत में लंबित रहा। अब कोर्ट ने उपलब्ध ठोस सबूतों, गवाहों की गवाही और फॉरेंसिक जांच के आधार पर कोलंदर और उसके साथी को दोषी मानते हुए सजा सुनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। सजा की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
कोलंदर पहले भी 2012 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है। उसके स्वाइन फार्म से 14 मानव खोपड़ियाँ बरामद हुई थीं, जिन पर पीड़ितों के नाम लिखे हुए थे। फॉरेंसिक जांच में पुष्टि हुई थी कि वह शवों की खोपड़ियों को उबालकर उन्हें साफ करता था।