उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने आज राज्य सरकार की ओर से NCERT को पत्र लिखकर भगवद् गीता व रामायण को लगभग 17,000 सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नए सिलेबस लागू होने तक, इन ग्रंथों के श्लोकों का दैनिक पाठ सुबह की प्रार्थना सभाओं में किया जाएगा ।
यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की दिशा में उठाया गया है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, नैतिकता और ज्ञान मूल्यों को मजबूत करना है। शिक्षा विभाग के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। विद्यालयों में ‘सप्ताह का श्लोक’ कार्यक्रम, कक्षा में अर्थ-व्याख्या और चर्चा को अनिवार्य करने की योजना बनाई गई है।
NCERT ने नवीनतम पाठ्यपुस्तक ‘वीणा’ जारी की है, जिसमें गीता‑रामायण के अध्यायों के साथ साथ सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक विषयों (जैसे Ganga ki Kahani व AI) का समावेश है। इस कदम से बच्चों में भारतीय ज्ञान प्रणाली व संस्कृतिक चेतना को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास स्पष्ट रूप से दिखता है।
यह पहल न केवल सरकारी स्कूलों तक सीमित रहेगी, बल्कि निजी और संस्कृत पाठशालाओं में भी विस्तार की उम्मीद जताई जा रही है।