उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। वे 18 सितंबर को गंगोत्री क्षेत्र से लापता हो गए थे, और 28 सितंबर को उनका शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद हुआ। उनकी कार 19 सितंबर को भागीरथी नदी में मिली थी, जिससे परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि राजीव प्रताप की मौत सीने और पेट में आंतरिक चोटों के कारण हुई, जो आमतौर पर सड़क दुर्घटनाओं में लगती हैं। हालांकि, परिजनों ने इसे हत्या मानते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने डीएसपी उत्तरकाशी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। यह टीम सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स, और अन्य साक्ष्यों की पुनः जांच करेगी। इसके अलावा, पत्रकार राजीव प्रताप को धमकियां मिलने की भी सूचना है, जिसे भी जांच में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच के आदेश दिए हैं, ताकि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।