उत्तराखंड के गैरसैंण में आयोजित मानसून सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। कांग्रेस विधायक नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में कथित धांधली और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
उन्होंने मंगलवार रात से ही विधानसभा में धरना शुरू किया और बुधवार को भी वेल में आकर नारेबाजी की। इस दौरान विधानसभा सचिव की मेज पलटने और माइक तोड़ने जैसे घटनाएं भी हुईं, जिससे सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष के हंगामे के बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें राज्य के विकास कार्यों के लिए 5315 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इसके अतिरिक्त, धर्मांतरण और लिव-इन जैसे सामाजिक मुद्दों पर सख्ती से संबंधित नौ विधेयकों को भी सदन में पेश किया गया। इन विधेयकों में धर्मांतरण पर सजा की अवधि बढ़ाकर 14 साल और जुर्माने की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक करने का प्रावधान किया गया है।
सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायकों ने नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। इससे विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध बना रहा।