उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य की पहली “महिला नीति” का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस नीति का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। खास बात यह है कि इस नीति को लागू करने में राज्य के 57 विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जो इसे देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बना सकती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए इस मसौदे में महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, नेतृत्व विकास और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। नीति में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं, अकेली महिलाओं, दिव्यांग महिलाओं और बुजुर्ग महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाओं का खाका भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को “नारी सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम” बताया है और कहा कि इससे महिलाओं की भागीदारी राज्य के विकास में और अधिक मजबूत होगी।
जल्द ही इस नीति को अंतिम रूप देकर कैबिनेट में पेश किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति उत्तराखंड को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।