उत्तरकाशी के धाराली में 5 अगस्त को आई भीषण बादल फटने की घटना ने क्षेत्र को तबाह कर दिया था, जिससे संपर्क मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गए थे। इस आपदा के बाद, सीमा सड़क संगठन (BRO) और भारतीय सेना ने मिलकर धाराली में लिमचिगढ़ के पास 90 फीट लंबा बेली ब्रिज निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया। यह ब्रिज गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-34) पर स्थित है और इसकी लोड क्षमता लगभग 50 टन है, जिससे यह क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
ब्रिज का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही यातायात के लिए खोलने की योजना है। इससे पहले, 5 अगस्त को आई बाढ़ के कारण धाराली और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही हुई थी, जिसमें कई लोग लापता हो गए थे और कई घर बह गए थे। बाढ़ के कारण संपर्क मार्गों के कटने से राहत और बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही थी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्माण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह ब्रिज आपदा प्रभावित लोगों के लिए संजीवनी साबित होगा। इसके निर्माण में सेना, पुलिस, SDRF, और अन्य बचाव दलों ने मिलकर दिन-रात मेहनत की है। इस ब्रिज के बनने से धाराली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात बहाल होगा, जिससे राहत सामग्री की आपूर्ति और लोगों की निकासी में आसानी होगी।
हालांकि, क्षेत्र में मौसम की स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, लेकिन इस बेली ब्रिज के निर्माण से राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों ने इस ब्रिज के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सहायता पहुंचाने की योजना बनाई है।