अमेरिकी सरकार ने 1 जनवरी से 22 जुलाई 2025 के बीच कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित कर दिया—जो लगभग दैनिक 8 भारतीयों की दर से हो रहा है। इससे पूर्व जुलाई तक केवल 1,563 रुपये की संख्या रिपोर्ट की गई थी, अब यह आंकड़ा बढ़कर 1,703 हो गया है ।
इनमें 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल थीं। सर्वाधिक निर्वासित लोग पंजाब (620) और हरियाणा (604) से आए, जबकि गुजरात से 245, उत्तर प्रदेश से 38, गोवा से 26 लोग भेजे गए। अन्य राज्यों में महाराष्ट्र (20), दिल्ली (20), तेलंगाना (19), तमिलनाडु (17), आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड (प्रत्येक 12) में भी लोग शामिल हैं ।
निर्वासन की प्रमुख विधियों में वाणिज्यिक उड़ान (767 मामले), यूएस सैन्य उड्डयन (333 मामले) और ICE/ DHS चार्टर्ड उड़ानें (करिब 531 मामले) शामिल थीं। कुछ प्रवासियों को पनामा जैसे देशों से वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से भी भेजा गया ।
विदेश मामलों के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने अमेरिका के सामने ये आशंकाएँ भी उजागर की हैं कि निर्वासितों का शारीरिक बेड़ियां (चेन), सांस्कृतिक‑धार्मिक संवेदनशीलता जैसे पगड़ी, आहार संबंधी नियम अनदेखा ना किया जाए। फरवरी 2025 के बाद से ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है ।
यह निर्वासन की संख्या पिछले पांच वर्षों (2020‑2024) में दर्ज कुल 5,541 मामलों का एक बड़ा हिस्सा है। अमेरिकी प्रवासन नीतियों में कड़े प्रतिबंधों के चलते भारत से आने वाले गैर-कानूनी प्रवासियों पर प्रभावी नियंत्रण बढ़ गया है।