भारत में जनगणना 2026 से शुरू होगी, जाति विवरण पहली बार शामिल किया जाएगा

भारत सरकार ने घोषणा की है कि आगामी जनगणना 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगी, जो 1 मार्च 2027 तक चलेगी। इस बार की जनगणना में 1931 के बाद पहली बार प्रत्येक नागरिक की जाति जानकारी एकत्रित की जाएगी, जो इसे ऐतिहासिक बनाता है।

जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी: पहला चरण ‘हाउस लिस्टिंग’ और दूसरा चरण ‘जनगणना’ होगा। पहले चरण में घरों की सूची तैयार की जाएगी, जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या की गणना की जाएगी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे हिमालयी क्षेत्रों में जनगणना अक्टूबर 2026 से शुरू होगी, जबकि अन्य राज्यों में यह 2026 के अंत तक होगी।

इस बार की जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे डेटा संग्रहण और परिणामों की प्रसंस्करण में तेजी आएगी। नागरिकों को मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी अपनी जानकारी प्रदान करने का अवसर मिलेगा।

जाति विवरण का समावेश भविष्य में चुनावी सीमांकन (delimitation) और महिला आरक्षण जैसे निर्णयों में सहायक साबित हो सकता है। यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। निवेशकों और नीति निर्धारकों के लिए यह डेटा भविष्य की योजनाओं और नीतियों के निर्माण में सहायक होगा।

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