ईरान और इजरायल के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध विराम को लेकर दिया ये बयान

ईरान और इजरायल के बीच पिछले आठ दिनों से जंग जारी है. शनिवार को दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुए 9 दिन हो गए. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की संभावना को लेकर संदेह जताया है. ट्रंप ने शनिवार को कहा कि संभावित युद्ध विराम के लिए बातचीत करने के लिए ईरान पर इजरायल के हमलों को रोकना बहुत मुश्किल होगा.

वहीं ट्रंप से जब पूछा गया कि ईरान ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप संघर्ष विराम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए इजरायल से अपने हमले रोकने के लिए कह सकते हैं. इसके जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “मुझे लगता है कि अभी यह अनुरोध करना बहुत कठिन है.” हालांकि उन्होंने संघर्ष विराम के पक्ष में बात की.

उन्होंने कहा कि, ‘ईरान पर इजरायल के हमलों को रोकना बहुत कठिन हो सकता है. युद्ध के मामले में इजरायल अच्छा कर रहा है. और, मुझे लगता है, आप कहेंगे कि ईरान कम अच्छा कर रहा है. किसी को रोकना थोड़ा मुश्किल है.’ बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान तब आया है जब व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को जंग के बीच बातचीत की पर्याप्त संभावना नजर आ रही हैं, क्योंकि अमेरिका यह निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त समय मांग रहा है कि अमेरिकी सेना इस युद्ध में हस्तक्षेप करेगी या नहीं.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि, “अगर कोई जीत रहा है, तो ऐसा करना किसी के हारने की तुलना में थोड़ा कठिन है. लेकिन हम तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं, और हम ईरान से बात कर रहे हैं, हम देखेंगे कि क्या होता है.” अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यह टिप्पणी तब की जब उन्होंने अपने ही राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड को यह कहते हुए “गलत” कहा कि अमेरिका का मानना ​​है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है.

ट्रंप से मार्च में की गई गबार्ड की टिप्पणियों के बारे में पूछा गया. जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का मानना ​​है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने पर काम नहीं कर रहा है. राष्ट्रपति ने कहा, “तो फिर, हमारी खुफिया एजेंसियां गलत हैं, खुफिया एजेंसी में किसने ऐसा कहा?” जब ट्रंप को बताया गया कि, ये सब गबार्ड ने कहा था तो उन्होंने कहा कि वह गलत हैं.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमला करने या न करने का फैसला करने के लिए और समय मांगा है. इसके लिए उन्होंने ईरान की अच्छी तरह से संरक्षित फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा पर हमला किया है. बताया जा रहा है कि ईरान की यह सुविधा एक पहाड़ के नीचे दबी हुई है और इसका उपयोग यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए किया जाता है जो संभवतः बम बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हो. अमेरिकी राष्ट्रपति ने बिजली उत्पादन जैसे नागरिक उद्देश्यों के लिए ईरान की परमाणु क्षमताओं के विकास पर भी संदेह जताया है.

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