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पाकिस्तान को दोस्त अमेरिका से झटका, बीएलए पर बैन की कोशिश नाकाम

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के मंच पर पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, पाकिस्तान और चीन ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और इसके आत्मघाती विंग माजीद ब्रिगेड को UN 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन इस पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने रोक लगा दी. इन देशों का कहना था कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और माजीद ब्रिगेड को अल-कायदा या ISIL से जोड़ने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं. यही वजह रही कि यह संयुक्त प्रस्ताव पास नहीं हो सका.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का यह नियम 1999 में लाया गया था. इसके तहत अल-कायदा, तालिबान और ISIL से जुड़े संगठनों या व्यक्तियों पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और हथियारों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाती है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असिम इफ्तिखार अहमद ने दावा किया कि अफगानिस्तान से कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें ISIL-K, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और माजीद ब्रिगेड शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है और इसके पीछे अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल हो रहा है. पाकिस्तान ने अफगान तालिबान सरकार से अंतरराष्ट्रीय वादे पूरे करने की अपील भी की

पाकिस्तान के लिए यूएन में यह यह एक झटके की तरह है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले महीने ही अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और माजीद ब्रिगेड को ‘फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (FTO)’ घोषित किया था. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2019 में भी अमेरिका ने ‘स्पेशली डिजिगनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट’ (SDGT) लिस्ट में डाला था. बलोचिस्तान के इस विद्रोही संगठन पर कई बड़े हमलों, आत्मघाती धमाकों और विदेशी ठिकानों पर अटैक करने के आरोप हैं.

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