डेंगू और मलेरिया की चुनौतीपूर्ण स्थिति, चिकित्सकों और निगम कर्मियों को किया गया तैयार

इस साल डेंगू और मलेरिया के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। सरकारी व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर समाज के लिए यह एक गंभीर चुनौती है। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी चिकित्सकों और नगर निगम कर्मियों को इन बीमारियों से निपटने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। जिला मजिस्ट्रेट ने चिकित्सकीय टीमों और निगम कर्मचारियों को सुनिश्चित किया है कि वे लार्वा स्रोतों का नष्टकरण, निगरानी (सर्विलांस) और घर-घर स्वास्थ्य जांच के काम को प्राथमिकता दें।

इस वर्ष स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए डीएम ने चिकित्सा और नगर निगम को 5-5 लाख रुपए का एडवांस फंड भी जारी किया है। इस फंड का उपयोग इलाज की बेहतर सुविधाएं और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।

इसके अलावा, डीएम ने बल्ड सेपरेटर की संख्या को 2 से बढ़ाकर 5 करने के निर्देश दिए हैं ताकि मच्छरों का प्रजनन रोका जा सके। स्थानीय नागरिकों को महंगे निजी इलाज से बचने के लिए जन अस्पतालों को पूरी तरह से सक्षम बनाने की आवश्यकता है। सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं बेहतर करने के लिए सरकार ने अतिरिक्त राशि जारी की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी नागरिक मच्छर जनित बीमारियों का शिकार न हो, सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएंगे।

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