इस्लामाबाद| पाकिस्तान में असीम मुनीर के प्रमोशन के तुरंत बाद ही बलोचिस्तान में बड़ा हमला हुआ है. बलोचिस्तान के खुजदार जीरो पॉइंट के पास एक बड़ा धमाका हुआ है. बलोच विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना की एक बस को निशाना बनाया. यह बस एक सैन्य काफिले का हिस्सा थी, जो कैंट इलाके से जा रही थी. स्थानीय लोगों और सूत्रों का कहना है कि इस धमाके में कई सैनिकों के मारे जाने और घायल होने की खबर है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है. क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है. बलोच विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
विद्रोहियों ने यह हमला तब किया है जब पाकिस्तान ने हार के बावजूद असीम मुनीर को प्रमोशन दे दिया.असीम मुनीर को पाकिस्तान ने फील्ड मार्शल बनाया है. मुनीर पाकिस्तान के दूसरे फील्ड मार्शल हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स इसे तख्तापलट की आहट के तौर पर देख रहे हैं. वह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सैन्य शासन को मजबूत करने में लगे हैं, जो अंततः चीन को फायदा देगा. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मुनीर का धार्मिक राष्ट्रवाद पर भरोसा और आतंकियों से उनके संबंध पाकिस्तान पर उनकी पकड़ को मजबूतकरेंगे.
इससे पहले सोमवार को भी बलोचिस्तान में बम धमाका हुआ था. बलूचिस्तान प्रांत में एक बाजार के निकट बम विस्फोट होने से चार लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे. यह विस्फोट रविवार को बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला जिले में जब्बार बाजार के पास हुआ, जिससे इमारत को भारी नुकसान पहुंचा और लोगों में दहशत फैल गई. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार, विस्फोट के बाद कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और विभिन्न प्रतिष्ठानों में आग लग गई. किला अब्दुल्ला के उपायुक्त रियाज खान ने बताया कि विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए.
उन्होंने बताया कि यह बाजार फ्रंटियर कोर (एफसी) किले की पिछली दीवार के पास स्थित है तथा विस्फोट के बाद अज्ञात हमलावरों और एफसी कर्मियों के बीच गोलीबारी हुई. विस्फोट के बाद अधिकारियों ने इलाके को सील कर दिया और व्यापक तलाशी एवं इलाके को खाली कराने का अभियान शुरू किया. घायलों में कबायली बुजुर्ग हाजी फैजुल्लाह खान गबीजई का एक सुरक्षा गार्ड और कई अन्य लोग शामिल थे. कुछ दिनों पहले खुजदार जिले के नाल इलाके में एक ‘चेक पोस्ट’ पर अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा की गई घातक गोलीबारी में चार ‘लेवी’ कर्मियों की जान चली गयी थी.