उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बड़गांव क्षेत्र में दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा पहली बारिश में ही धंस गया। अंडरपास के पास मिट्टी कटाव के कारण सड़क का किनारा गिर गया, जिससे निर्माणाधीन मार्ग की मजबूती पर सवाल उठने लगे हैं ।
घटना के तुरंत बाद एनएचएआई ने अंडरपास के ऊपर वाहन आवागमन बंद करवा दिया और साइट इंजीनियर सोनू सिंह ने निर्माण कंपनी के अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर मरम्मत निर्देश जारी किए । कंपनी ने अन्य कमजोर कश्तों पर भी मिट्टी से भराव शुरू कर दिया, जबकि जिम्मेदार अधिकारी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं ।
210 किमी लंबे, छह लेन के इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग ₹13,000 करोड़ की विशाल लागत से किया जा रहा है। यह दिल्ली–देहरादून यात्रा समय को 6 घंटों से घटाकर मात्र 2.5 घंटे करने की क्षमता रखता है, और इसमें एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा भी शामिल है ।
पर पहली ही बारिश में इसका किनारा धंसने से जनता में और विशेषज्ञों में निर्माण की गुणवत्ता और इंजीनियरिंग परीक्षणों पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोग एवं पर्यावरणविद आशंका जता रहे हैं कि यह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस व कमजोर मिट्टी संरचनाओं के कारण सामान्य घटना हो सकती है, और भविष्य में और जगहों पर इसी प्रकार से गिरावट हो सकती है ।