उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के परिणाम सामने आने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के निर्वाचन की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आरक्षण सूची जारी कर दी गई है – जिसमें तीव्र विवादों के बीच सीटों को आरक्षित किया गया है। अब दोनों पदों के उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया चुनाव जीतने वाले पंचायत सदस्यों तक सीमित है (मतदान सीधे जनता द्वारा नहीं होता) ।
इस बार पंचायत चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज़्यादा सफलता पाई हैं – 358 सीटों में से 128 निर्दलीयों के नाम रहा, जबकि बीजेपी ने 124 और कांग्रेस 106 सीटें जीतीं । ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही निर्दलियों की भूमिका को अहम समझ रही हैं और उनका समर्थन पाने में जुट गई हैं ।
कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह का दावा है कि कांग्रेस के समर्थित सत्ता समूहों से अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद जावेंगे, जबकि बीजेपी ने आरक्षण प्रक्रिया को निष्पक्ष बताते हुए विपक्ष के आरोपों का खंडन किया है । विपक्ष ने आरक्षण को “पक्षपातपूर्ण” करार देते हुए आरक्षण प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है ।
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव तिथियाँ तय करते हुए निर्वाचन पर्यवेक्षकों की तैनाती शुरू कर दी है ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके ।