दिल्ली में आयोजित NDA संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नेहरू ने पहले देश का विभाजन किया और फिर सिंधु जल समझौते के जरिये पानी का भी बंटवारा कर दिया। मोदी ने आरोप लगाया कि इस समझौते में 80% पानी पाकिस्तान को सौंप दिया गया और बाद में नेहरू ने इसे एक “किसान विरोधी” निर्णय स्वीकारा। उनका यह बयान कांग्रेस की नीति आलोचना की परंपरा से एक मजबूत जोड़ प्रतीत होता है।
बैठक में NDA उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का औपचारिक परिचय कराते हुए पीएम मोदी ने उनकी ओबीसी समाज से आने, सहज स्वभाव और राजनीति में विवाद न होने की विशेषता पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने उनका सम्मान भी किया।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि NDA वर्तमान राजनीतिक माहौल में नेहरू के राजनीतिक विरासत पर हमला कर अपनी रणनीति को सुदृढ़ करना चाहता है — खासकर उपराष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में, जहां विपक्षी दलों का समर्थन NDA की प्राथमिकता है।