नीति समीक्षा और समाचारों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद ₹1 लाख करोड़ से अधिक के हॉराइजॉनल मिलिटरी सौदों को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। इस प्राथमिक मंजूरी में जासूसी विमान, एयर डिफेंस सिस्टम, और सी माइन शामिल हैं, जो भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं को सुदृढ़ करेंगे । रक्षा खरीद परिषद (DAC), जिसका नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं, ने इन प्रस्तावों की इस पैमाने पर स्वीकृति दी।
इस महत्वपूर्ण कदम के तहत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाई गई आवश्यकताओं—जैसे गहन और लगातार निगरानी—को पूरा करने के लिए 52 रक्षा निगरानी उपग्रहों की तेज लॉन्चिंग की योजना भी शामिल है। इससे देश की रडार समीक्षा एवं टोही क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
इसके अलावा, पहले ही ₹40,000 करोड़ की आपातकालीन खरीद को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें ड्रोन, लॉइटरिंग म्यूनिशन्स और कविकाज़ इत्यादि शामिल हैं, ताकि सीमांत खतरों का तुरंत सामना किया जा सके।
यह पहल ऑपरेशन सिंदूर की विश्लेषणात्मक सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें राज्य की रक्षा क्षमताओं में सुधार और तेज खरीदारी प्रक्रियाओं की दिशा में ठोस कदम हैं। नए सौदों से न केवल हमारी सामरिक तैयारी बढ़ेगी, बल्कि रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता को भी बल मिलेगा।