बैन हुए उग्रवादी संगठन ULFA-I ने दावा किया है कि म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में उनकी तीन वरिष्ठ नेताओं—नयन असम, गणेश असम और प्रदीप असम—को भारतीय सेना द्वारा संचालित ड्रोन एवं मिसाइल हमलों में मारा गया है। संगठन का कहना है कि सुबह 2 से 4 बजे के बीच 150 से अधिक इस्राइली व फ्रेंच निर्मित ड्रोन ने मोबाइल शिविरों पर निशाना साधा।
इसके अलावा, बयान में कहा गया कि दोतरफा हमलों की एक श्रृंखला में नयन असम के अंतिम संस्कार के दौरान दो अन्य नेताओं की भी जान गई । हालांकि, भारतीय सेना ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए असल में कोई ऑपरेशन नहीं चलाने का दावा किया है। रक्षा वक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, “सेना के पास ऐसे किसी ऑपरेशन की जानकारी नहीं” । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी पुलिस की गैरमौजूदगी की बात कही है, उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की जमीन से कोई हमला नहीं हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि म्यांमार के गृहयुद्धीय हालात में भी यह हमले अन्य स्थानीय समूह या म्यांमार सेना की ओर से हो सकते हैं, न कि भारत की कार्रवाई हो सकता है।