प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश धोखाधड़ी मामले में 30 विदेशी संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियों में रियल एस्टेट, बैंक खाते और अन्य वित्तीय संपत्तियाँ शामिल हैं, जो कथित तौर पर आरोपी कंपनियों और उनके निदेशकों के स्वामित्व में हैं।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की गई है। ED ने आरोप लगाया है कि इन कंपनियों ने निवेशकों से धोखाधड़ी से धन जुटाया और उसे विदेशों में स्थानांतरित किया।
इस मामले में ED ने पहले भी कई भारतीय संपत्तियाँ जब्त की थीं, और अब विदेशी संपत्तियों की जब्ती से यह स्पष्ट होता है कि एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्रवाई कर रही है। यह कदम वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ED की सख्त नीति को दर्शाता है। अधिकारीयों के अनुसार, इस कार्रवाई से निवेशकों को न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
यह कार्रवाई वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ED की सक्रियता और प्रभावशीलता को उजागर करती है।