भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 15 जुलाई 2025 को बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की — यह उनकी पहली यात्रा थी 2020 के गलवान घाटी मुकाबले के बाद। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन के दौरान हुई और इसे भारत–चीन संबंधों में तनाव के बाद मृदु बहाव की दिशा में पहला संकेत माना जा रहा है।
जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं शी जिनपिंग को प्रेषित कीं। उन्होंने प्रेस को बताया कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों और भविष्य की साझेदारी पर विस्तार से चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि “अंतर मतों को विवाद में, तथा प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलने देना चाहिए”—यह प्रस्ताव भारत की शांति और समझ पर जोर देने वाली नीतिगत रणनीति को दर्शाता है ।
इस यात्रा का स्वरूप काफी रणनीतिक रहा — जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी बातचीत की, जिसमें सीमांत सुरक्षा, व्यापार संबंधों में सहजता, पर्यटक आदान‑प्रदान फिर शुरू करना, और कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुन: प्रारंभ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।