भारतीय राष्ट्रपति द्वारा 13 जुलाई 2025 को चार विशिष्ट हस्तियों—पूर्व विदेश सचिव हरष वर्धन श्रिंगला, वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन, और केरल के भाजपा नेता C. सदानंदन मास्टर—को राज्यसभा के लिए नामित किया गया। इन नियुक्तियों को पीएम मोदी ने उनकी क्षेत्रीय विविधता (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) और पेशेवर विशेषज्ञता (कूटनीति, कानून, इतिहास, सामाजिक सेवा) के चलते “रणनीतिक टेम्प्लेट शिफ्ट” माना।
यह चौकठा दर्शाता है कि केंद्र सरकार अब संयोगवश नियुक्तियों की बजाय गहराई से विचार करके चुनी हुई विशेषज्ञता को संसद में ला रही है । इतिहासकार मीनाक्षी जैन की नियुक्ति से सांस्कृतिक संशोधनवाद को बढ़ावा मिलता दिख रहा है; उज्जवल निकम आतंक-न्याय व राष्ट्रीय सुरक्षा की आवाज बनेंगे; श्रिंगला विदेश नीति को संसदीय बहसों का अंग बनाएंगे और सदानंदन मास्टर दक्षिण भारत में भाजपा का जमीनी संदेश और अटल अनुशासन का प्रतीक होंगे ।
पीएम ने सभी की सराहना करते हुए कहा कि उनकी विशेषज्ञता संसद को मजबूत करेगी। ये नामांकन मोदी सरकार की मंडलित प्रवृत्ति—समावेशिता से हटकर विचारधारा, दक्षता और केंद्रित रणनीति की ओर—को प्रदर्शित करते हैं।