भारतीय सरकार ने 19 अगस्त 2025 से 30 सितंबर 2025 तक कपास (raw cotton) पर आयात शुल्क को अस्थायी रूप से समाप्त करने का निर्णय लिया है। इससे पहले इस पर 11% का शुल्क (basic customs duty और कृषि अवसंरचना विकास शुल्क) लगता था।
यह कदम वस्त्र उद्योग को अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के दबाव से राहत देने के लिए उठाया गया है, जिसमें मौजूदा 25% के अतिरिक्त और 25% की वृद्धि शामिल है, जो अगस्त में लागू हो रही है।
इस प्रतिबंधमुक्त अवधि में कपास की उपलब्धता बढ़ने से वस्त्र निर्माताओं को कच्चे माल की आपूर्ति सस्ती और सुनिश्चित होगी, जिससे उनका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बना रहेगा। उद्योग निकाय जैसे कि Confederation of Indian Textile Industry (CITI) ने इस राहत का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
यह नीति परिवर्तन भारत को अमेरिका के विपरीत, पाकिस्तान या बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में सहायक है और 2030 तक वस्त्र निर्यात को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने की सरकार की दीर्घकालिक योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।