प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया जापान यात्रा ने भारत–जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूती दी। दोनों देशों ने ¥10 ट्रिलियन (लगभग $68 अरब) के निवेश प्रस्ताव पर सहमति जताई है, जिसका लक्ष्य सेमीकंडक्टर, एआई, क्लीन एनर्जी व अन्य नव-उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है ।
तकनीक और प्रतिभा का संयोजन:
मोदी ने भारत और जापान के बीच मिलकर तकनीकी क्रांति की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि जापान की उन्नत तकनीक और भारत की प्रतिभा मिलकर इस सदी की तकनीकी क्रांति की अगुवाई कर सकती है ।
हरी ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा:
मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों ने कार्बन कैप्चर, बायोफ्यूल, क्लीन हाइड्रोजन, हरित रसायन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है ।
मरीन अवसंरचना में साझेदारी:
जहाज निर्माण, ग्रीन पोर्ट्स, स्मार्ट आईलैंड्स (अंडमान–निकोबार एवं लक्षद्वीप) में जापान की विशेषज्ञता के माध्यम से निवेश और तकनीकी साझेदारी का प्रस्ताव रखा गया है ।
इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन:
क्लीन एनर्जी परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए JBIC द्वारा ₹7700 करोड़ (¥120 अरब) के ग्रीन फाइनेंसिंग सौदे पर समझौता हुआ है, जिससे ऊर्जा संक्रमण को मजबूत बल मिलेगा ।