लोकसभा की मॉनसून सत्र सोमवार (4 अगस्त 2025) को विपक्ष द्वारा बिहार SIR पर संसद में चर्चा की मांग के चलते एक बार फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सांसदों ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन का माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया — उन्होंने नारेबाजी और प्लेकार्ड उठाए और चर्चा की मांग जोर-शोर से की। हालांकि सरकार ने पहले से राष्ट्रीय खेल शासन बिल और एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक पर दो दिन चर्चा की सहमति दिखाई थी, लेकिन लोकतांत्रिक बहस की मांग से सदन नहीं माना।
विपक्ष ने दोपहर के सत्र में भी जब सदन फिर से शुरू हुआ, तब भी उसी मांग पर जोर दिया, लेकिन अध्यक्ष ने कार्यवाही बाधित करने वाले सांसदों को फटकार लगाई और सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद लोकसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित घोषित कर दिया गया।
संसद की उच्च सदन, राज्यसभा, भी Jharkhand के सीनियर सांसद शिबू सोरेन की मृत्यु के कारण पूरे दिन स्थगित रखी गई। parlement की दोनों सदनों में लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता जैसे बड़े विषय ठंडे बस्ते में चले गए हैं।
विपक्ष दलों ने SIR को “लोकतंत्र की हत्या” बताते हुए आरोप लगाया है कि यह कार्यवाहक निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह एक ‘बहुत बड़ा मुद्दा’ है और केंद्र को इसे चर्चा के लिए स्वीकार करना चाहिए। वहीं BJP का रुख है कि यह मामला निर्वाचन आयोग की स्वायत्तता में आता है, जिसे संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती।