केंद्र सरकार तीन महत्वपूर्ण विधेयक संसद में लाने की तैयारी में है, जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय व राज्य/संघ राज्यों के मंत्रियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत हटाने की व्यवस्था प्रदान करते हैं। यदि कोई नेता गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन तक इस्तीफा न देने पर उन्हें पद से स्वतः हटा दिया जाएगा। यह प्रावधान उन अपराधों पर लागू होगा जिनमें कम से कम पाँच साल की सजा हो सकती है।
प्रस्तावित तीन बिल हैं:
संविधान (एक सौ त्रिसठवां संशोधन) विधेयक, 2025 — जिसमें संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन कर यह प्रावधान लागू करने की योजना है।
केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025
जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025
उन्हें संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश भी की जाएगी ।
इस कदम का उद्देश्य राजनीतिक पदों पर अपराध में नामजद नेताओं द्वारा बने रहने पर रोक लगाना और संवैधानिक उत्तरदायित्व एवं नैतिकता को सुदृढ़ करना है।
इस प्रकार, संसद में लाए जाने वाले ये बिल यह सुनिश्चित करेंगे कि जो नेता गंभीर अभियोगों में जेल में रहें, वे सार्वजनिक पद पर बने न रह सकें — एक अहम लोकतांत्रिक और संवैधानिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।