उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को एक बार फिर कमान सौंपे गए हैं — इस बार राष्ट्रीय परिषद सदस्य के रूप में नामित होना तय, जो उनकी राजनीतिक पहचान को और मजबूत करेगा।
हालिया चुनाव प्रक्रिया में चुनाव अधिकारी की देखरेख में महेंद्र भट्ट ने प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन किया, जिसमें कोई अन्य उम्मीदवार नहीं थे। इस तरह वह निर्विरोध रूप से दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बन गए, और अब उनके राष्ट्रीय परिषद सदस्य के रूप में चयन की भी प्रक्रिया तय हो गई है ।
भट्ट का राजनीतिक सफर 1991 में आरंभ हुआ; उन्होंने 2002 में पहली बार विधायक पद जीता और 2017-22 के बीच बद्रीनाथ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे । राम मंदिर आंदोलन और अन्य सामाजिक–राजनीतिक आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले भट्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी माने जाते हैं । धामी ने मीडिया से कहा कि पार्टी में उनके अनुभव और संगठनात्मक पकड़ को देखते हुए उन्हें फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया — जिसका लाभ आगामी चुनावों में भी मिलेगा ।
राज्यसभा सांसद रह चुके महेंद्र भट्ट की इस नियुक्ति को भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी सक्रिय भूमिका और संगठन के प्रति समर्पण पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती देगा। national council में शामिल होने से वे पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावी योगदान करेंगे।
पुरी तरह निर्विरोध चुने जाने और धामी–भट्ट के गठबंधन से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा उत्तराखंड में अपनी अगली राजनीति को और सशक्त रूप से संचालित करने जा रही है।