मोदी सरकार ने विशाल पूंजी खर्च से सेना की ताकत को बढ़ाया

​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण के लिए पूंजीगत व्यय में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए ₹6.81 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.5% अधिक है। इसमें से ₹1.48 लाख करोड़ पूंजी अधिग्रहण के लिए निर्धारित हैं, जिसे सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण बजट कहा जा रहा है।

हालांकि, इस पूंजीगत व्यय का अधिकांश हिस्सा पूर्वनिर्धारित परियोजनाओं और पुराने अनुबंधों की पूर्ति में खर्च हो रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, नए हथियारों की खरीद और आधुनिक उपकरणों के लिए आवंटित राशि सीमित प्रतीत होती है। उदाहरण के लिए, ₹1.80 लाख करोड़ में से अधिकांश राशि पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों के लिए है, जिससे नए अधिग्रहण पर प्रभाव पड़ सकता है।

इसके बावजूद, सरकार ने कुछ प्रमुख रक्षा परियोजनाओं में प्रगति की है। जनवरी 2025 में, रक्षा मंत्रालय ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के साथ ₹2,960 करोड़ का समझौता किया, जिसके तहत भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति की जाएगी। ​

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य भारत को रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है। ​

कुल मिलाकर, सरकार का उद्देश्य सशस्त्र बलों की क्षमता में वृद्धि और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है, लेकिन इसके लिए आवश्यक संसाधनों की पर्याप्तता और प्रभावी उपयोग पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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