भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल में अगले 24 घंटों के भीतर पहुंचने की संभावना है, जो सामान्य तिथि 1 जून से लगभग एक सप्ताह पहले है। यह 16 वर्षों में सबसे जल्दी मॉनसून आगमन होगा, पिछली बार 2009 और 2001 में 23 मई को मॉनसून आया था।
IMD ने बताया कि केरल में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, जो एक निम्न दबाव क्षेत्र और प्रगति कर रहे मॉनसून सिस्टम के कारण है। इससे राज्य के कई हिस्सों में जलभराव और भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।
मॉनसून के जल्दी आगमन से कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यह खरीफ फसलों की बुवाई के लिए समय पर वर्षा प्रदान करेगा। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जल्दी मॉनसून का आगमन हमेशा समान रूप से वितरित वर्षा की गारंटी नहीं देता, और इससे देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून की प्रगति में देरी हो सकती है।
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां सतर्क हैं और नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि अगले कुछ दिनों में समुद्र में ऊंची लहरें और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
इस वर्ष का मॉनसून न केवल समय से पहले आ रहा है, बल्कि इसके प्रभाव भी व्यापक होंगे, जिससे केरल और आसपास के राज्यों में मौसम की स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।