भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर आईना दिखाया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो आतंकियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता. भारत ने कहा कि इसलिए उसे नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. इसके साथ ही भारत ने इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तान ने इस महीने (मई) की शुरुआत में जानबूझकर भारत के सीमावर्ती गांवों में गोलीबारी की.
जिमसें कई नागरिकों की मौत हुई. यही नहीं पाकिस्तान ने जानबूझकर धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में ये बात कही. पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि, “मैं कई मुद्दों पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि के निराधार आरोपों का जवाब देने के लिए बाध्य हूं.”
पाकिस्तान अक्सर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाता है. भारत से पहले पाकिस्तान ने एक बार फिर से यूएन में कश्मीर राग अलापा. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने संबोधन में हमेशा की तरह कश्मीर का मुद्दा उठाया. इसके साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष का भी जिक्र किया.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा के दौरान पाकिस्तान को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है. उन्होंने आगे कहा कि, ‘इसमें मुंबई शहर पर हुए 26/11 के हमले से लेकर पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है. उन्होंने कहा कि, ‘पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से आम नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है. ऐसे देश का नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है.”
पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि, “पाकिस्तान ने बार-बार नागरिकों की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. हाल ही में हमने देखा कि वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए थे.” उन्होंने यूएन में कहा कि, “इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर भारत के सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें 20 से अधिक लोगों की मौत हुई जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पाकिस्तान ने गुरुद्वारों, मंदिरों, अस्पतालों को भी जानबूझकर निशाना बनाया है.”
हरीश ने कहा कि, इस तरह के व्यवहार के बाद उपदेश देना घोर पाखंड है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के मुद्दे पर साथ आना चाहिए. इसके साथ ही हरीश ने नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं पर किसी भी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून, खासकर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया.