नेपाल में ‘GenZ’ आंदोलन के तहत हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का गुस्सा सड़कों पर उतर आया है। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू सहित विभिन्न शहरों में सरकारी दफ्तरों, संसद भवन और नेताओं के घरों में आग लगा दी है। इस हिंसा में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है और 347 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेपाल सेना ने बुधवार को सुबह 5 बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए। इसके बाद, शाम 5 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक देशभर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़, लूटपाट या हिंसा को गंभीर अपराध माना जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है और कई मंत्रियों ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। सेना ने काठमांडू में सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है और नेताओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। हालांकि, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और सेना ने नागरिकों से संयम बनाए रखने की अपील की है।