नेपाल में हाल ही में हुई हिंसक प्रदर्शनों के दौरान, कई जेलों से सैकड़ों कैदी फरार हो गए हैं। पोकहरा और काठमांडू जैसे शहरों में जेलों पर हमले हुए, जिनमें नख्खु और कास्की जेल प्रमुख हैं। नख्खु जेल से लगभग 900 कैदी फरार हुए, जबकि कास्की जेल में 773 कैदी भागे। कई अन्य जेलों में भी कैदियों ने भागने की कोशिश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। काठमांडू में दिलीबाजार जेल में भी आगजनी की घटनाएँ हुईं।
इन घटनाओं के बाद, नेपाल सरकार ने काठमांडू सहित कई शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया है और सेना को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, न्यायालयों और नेताओं के घरों में आग लगा दी है। पूर्व प्रधानमंत्री जला नाथ खानल के घर में भी आग लगने से उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। कई मंत्री और सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है, और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने भी इस्तीफा दे दिया है।
यह संकट नेपाल के इतिहास में सबसे गंभीर राजनीतिक संकटों में से एक माना जा रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता के कारण युवा वर्ग में गहरी नाराजगी है।