हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के सात सदस्य—प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी, माता-पिता और तीन बच्चे—एक कार में मृत पाए गए। प्रारंभिक जांच में यह सामूहिक आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। मृतकों के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें प्रवीण ने लिखा है, “हम कर्ज से परेशान हो गए हैं। किसी ने मदद नहीं की। हम सभी जहर खा रहे हैं। हमारे अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी मेरे ममेरे भाई संदीप अग्रवाल उठाएंगे।”
प्रवीण मित्तल पहले हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक स्क्रैप फैक्ट्री के मालिक थे, लेकिन बैंक द्वारा फैक्ट्री जब्त किए जाने के बाद उनका कारोबार ठप हो गया। इसके बाद उन्होंने देहरादून में एक टूर एंड ट्रैवल एजेंसी खोली, लेकिन वहां भी उन्हें नुकसान हुआ। अंततः वे पंचकूला में टैक्सी चलाने लगे। बताया जा रहा है कि परिवार पर करीब 15 से 20 करोड़ रुपये का कर्ज था।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम मामले की गहन जांच कर रही हैं। इस घटना ने कर्ज के बोझ तले दबे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता को उजागर किया है।