रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने 6 अगस्त 2025 को रेपो रेट को 5.50% पर बनाए रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया। इस निर्णय के साथ RBI ने अपना मेंटेन-न्यूट्रल रुख जारी रखा, जिससे मौद्रिक स्थिरता बनी रहे ।
EMIs पर प्रभाव:
चूंकि रेपो रेट नहीं बदला गया, होम लोन, वाहन ऋण, या व्यक्तिगत कर्ज के EMIs पर कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। मौजूदा ब्याज दरों से राहत बनी रहेगी और रिफाइनेंसिंग लागत में कोई बदलाव नहीं आएगा।
Fixed Deposit (FD) पर प्रभाव:
पुरानी उच्च FD दरों का अवसर सीमित होता जा रहा है। चल रही दरों में धीरे-धीरे कटौती होने की संभावनाएं हैं। यदि आपने अभी FD बुक की है तो वर्तमान दर आपके लिए स्थिर रहेगी, लेकिन नई निवेश योजनाओं में घटे हुए रिटर्न की संभावना बढ़ रही है । विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मध्यम से लंबी अवधि के निवेशों को अभी लॉक कर लिया जाए और laddering strategy अपनाई जाए ताकि आने वाले ब्याज दर में गिरावट के जोखिम को टाला जा सके ।
आर्थिक दृष्टिकोण:
RBI ने आर्थिक वृद्धि अनुमान को लगभग 6.5% पर बनाए रखा है। मुद्रास्फीति कम होती जा रही है और वर्तमान में यह लगभग 2.10% (June) है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष के लिए इसे 3.1% तक संभव बताया गया है । वर्तमान वैश्विक औद्योगिक अस्थिरता विशेषकर यू.एस. टैरिफ्स को ध्यान में रखते हुए यह रुख अपनाया गया है ।