सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि उसने हैदराबाद के कंचा गाचीबावली क्षेत्र में 100 एकड़ वन भूमि की कटाई से नष्ट हुए हरित आवरण को पुनर्स्थापित नहीं किया, तो राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। अदालत ने कहा कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है।
तेलंगाना सरकार ने दावा किया था कि उसने 1,300 से अधिक पेड़ों की कटाई स्व-प्रमाणन के आधार पर की थी, लेकिन अदालत ने इसे नकारते हुए कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के किसी भी पेड़ की कटाई अवैध है, चाहे वह राष्ट्रीय महत्व के परियोजनाओं के लिए ही क्यों न हो।
अदालत ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर एक प्रभावी पुनर्स्थापना योजना प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही, राज्य के वन्यजीव संरक्षक को प्रभावित क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।
अदालत ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार ने पुनर्स्थापना योजना प्रस्तुत नहीं की, तो यह माना जाएगा कि उसने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है।