उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या को वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ₹900 करोड़ की लागत से ‘भारत पथ’ नामक एक भव्य आध्यात्मिक मार्ग बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह मार्ग भारतकुंड को श्रीराम मंदिर से जोड़ते हुए लगभग 20 किलोमीटर लंबा होगा। भारतकुंड वह पवित्र स्थल है जहाँ श्रीराम के भाई भरत ने 14 वर्षों के वनवास के दौरान तपस्या की थी। यह स्थल रामायण में विशेष महत्व रखता है और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में मार्ग को चौड़ा करने, दोनों ओर 9 मीटर चौड़ी लेन और 2.5 मीटर का केंद्रीय डिवाइडर बनाने की योजना है। इसके अलावा, मार्ग के दोनों ओर उचित प्रकाश व्यवस्था के लिए फ्लडलाईट्स भी स्थापित की जाएंगी।
इस परियोजना का उद्देश्य अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करना और उनके आध्यात्मिक अनुभव को समृद्ध बनाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या के विकास की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।