अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त 2025 को भारत की निरंतर रूसी तेल खरीद पर कड़ा रुख अपनाते हुए भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल शुल्क दर 50% हो गई । इसका असर भारतीय घरेलू उद्योगों और जीडीपी पर चिंता बढ़ा रहा है, साथ ही यह कदम दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को चुनौती दे रहा है।
उसी प्रतिक्रिया स्वरूप, भारत ने अमेरिकी कंपनी बोइंग से ₹31,500 करोड़ के P‑8I पोसैडॉन समुद्री विमान सौदे को फिलहाल रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए छह अतिरिक्त विमान खरीदने से जुड़ा था, जिसकी पुरी पुष्टि अब लटकी हुई है ।
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत” बताया है, और यह साफ़ किया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्वायत्तता बनाए रखेगा । तेल आयात नीतियों और व्यापार वार्ता में विफलता दोनों राष्ट्रों के बीच भरोसे को चुनौती दे रही है, जिससे दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी पर प्रश्न उठ रहे हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, दोनों देशों के बीच यह तनाव केवल व्यापार तक नहीं, बल्कि रक्षा, ऊर्जा और विदेश नीति के क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें भारत चीन और रूस के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत कर सकता है।