उत्तरकाशी — धराली और हर्षिल क्षेत्रों में 5 अगस्त को आए भयंकर बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद आज रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार सातवें दिन भी जारी है। अब तक 1,308 लोग सुरक्षित निकाले जा चुके हैं, लेकिन मलबे के अटके होने की आशंका में 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
सेना और NDRF द्वारा उच्च तकनीकी ड्रोन, LiDAR सर्वे एवं ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से निरंतर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। सेना ने दो GPR तैनात किए हैं, जबकि नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पांच अतिरिक्त GPR लगाए हैं। लहसिल में पुल को फिर से तैयार कर राहत सामग्री और उपकरणों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है, जिसमें 1,000 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं।
साथ ही, राहत एवं चिकित्सा सेवा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने राहत शिविरों का निरीक्षण कर स्थायी स्वास्थ्य सुविधा योजना की घोषणा की है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में 24-घंटे चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस आपदा ने हिमालयी इलाकों में जलवायु आपदाओं की गंभीरता को रेखांकित किया है और बचाव कार्यों में चुनौतियों के साथ-साथ उच्च तकनीकी सहयोग की भूमिका को भी उजागर किया है।