लगातार दूसरी बार फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए इमैनुएल मैक्रों, धुर विरोधी मरीन ले पेन को दी चुनावी शिकस्त

फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण की वोटिंग में इमैनुएल मैक्रों ने जीत हासिल की है. उन्होंने नेशनल रैली पार्टी की नेता मरिन ली पेन को मात दी. दूसरे और आखिरी राउंड की वोटिंग में मैंक्रों को 58.2% और ली पेन को 41.8% वोट मिले. मैक्रों की जीत का मार्जिन 2017 के मुकाबले काफी कम रहा. आपको बता दें कि मैक्रों फ्रांस के पहले ऐसे सिटिंग प्रेसिंडेंट हैं जो 20 साल में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं.

ये जीत मैक्रों के लिए इसलिए भी खास हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में सिर्फ 2 चुनाव लड़े और दोनों में ही उन्होंने जीत हासिल की. भारत की तरह ही फ्रांस में भी 18 साल या उससे ज्यादा की उम्र वाले नागरिक वोट डालते हैं. हालांकि यहां वोटिंग के लिए ईवीएम मशीन नहीं, बल्कि बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है. दिलचस्प बात है कि फ्रांस में वोटिंग हमेशा रविवार को होती है, ताकि ज्यादा लोग वोट डाल सकें.

एक बधाई संदेश में, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा, ‘हम पांच और वर्षों के लिए फ्रांस पर भरोसा कर सकते हैं.’ जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने ट्विटर पर मैक्रों के साथ एक तस्वीर साझा की और कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम अपना अच्छा सहयोग जारी रखेंगे.’ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने फ्रांस को अपना सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक बताते हुए कहा,’फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में आपके फिर से चुने जाने पर मैक्रों को बधाई.

फ्रांस हमारे सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है. मैं उन मुद्दों पर मिलकर काम करना जारी रखने के लिए तत्पर हूं जो हमारे दोनों देशों और दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं.’

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ‘कनाडा और फ्रांस में लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारे काम को जारी रखने के लिए तत्पर हैं.’ स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज़ ने कहा कि नागरिकों ने ‘स्वतंत्र, मजबूत और निष्पक्ष यूरोपीय संघ’ के लिए प्रतिबद्ध फ्रांस को चुना है.

मैंक्रो पिछले 20 साल में लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बन गए हैं. रविवार को मतदान संपन्न होने के बाद विभिन्न मतदान एजेंसियों ने अनुमान जताया कि मैक्रों अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर बड़ी बढ़त बनाते दिख रहे हैं.

जनमत सर्वेक्षणों में कई फ्रांसीसी नागरिक राष्ट्रपति के तौर पर उनकी प्रशंसा की थी. उन्हें कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष जैसे प्रमुख वैश्विक संकटों का सामना करने के लिए पद के योग्य माना था. पांच साल पहले भी मैक्रों ने ली पेन को करारी मात देकर 39 वर्ष की उम्र में फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल किया था.



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