बांग्लादेश में सत्ता की तस्वीर बदलने जा रही है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश में अप्रैल 2026 में आम चुनाव कराए जाएंगे. ये चुनाव उस ऐतिहासिक जनविरोध के बाद होंगे जिसने बीते साल तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया था.
2025 में बांग्लादेश ने एक बड़ा राजनीतिक तूफान देखा. सरकारी नौकरी में कोटा प्रणाली के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन धीरे-धीरे जनविद्रोह में बदल गया. महीनों तक चले प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई. स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई कि अगस्त 2025 में शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी. इसके बाद सेना ने सत्ता संभाली और मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया.
84 साल के यूनुस ने कहा, “मैं देशवासियों को सूचित करता हूं कि 2026 की पहली छमाही में किसी भी दिन चुनाव कराए जाएंगे.” यूनुस ने अंतरिम सरकार बनने के बाद से न्यायिक और संस्थागत सुधारों का वादा किया है.
इस बीच बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 1 जून 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों का मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए संगठित हमले करवाए. उनके साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिदेशक चौधरी ममून को भी सह-आरोपी बनाया गया है. प्रमुख अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम के अनुसार यह मुकदमा देश में न्याय और जवाबदेही की बहाली की दिशा में बड़ा कदम है.