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मोहम्मद यूनुस की सरकार में नहीं रुक रहे हिंदुओं और उनके प्रतिष्ठानों पर हमले, अब रविंद्रनाथ टैगोर का पैतृक निवास निशाने पर

बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत किसी से छिपी हुई नहीं है. तख्तापलट होने और मोहम्मद यूनुस की सरकार बनने के बाद से हिंदुओं और उनके प्रतिष्ठानों पर जमकर हमले हो रहे हैं. लेकिन हद तो अब पार हो गई है. बांग्लादेशियों ने अब नोबेल पुुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास पर भीड़ ने हमला कर दिया. उन्होंने वहां तोड़फोड़ मचाई. बांग्लादेश के सिराजगंज में गुरुदेव का पैतृक घर है. बता दें, रविंद्रनाथ टैगोर को प्यार से लोग गुरुदेव कहते हैं. अब मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.

बांग्लादेशी न्यूज के मुताबिक, एक आदमी आठ जून को अपने परिवार के साथ सिराजगंज जिले के कचहरीबाड़ी गया था. कचहरीबाड़ी को रविंद्र कचहरीबाड़ी और रविंद्र स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है. वहां बाइक पार्किंग की फीस को लेकर प्रवेश द्वार पर एक कर्मचारी के साथ उसका विवाद हो गया. संग्रहालय वालों ने उन्हें कथित तौर पर एक कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ मारपीट की. इस घटना से आसपास के लोगों में रोष फैल गया. उन्होंने मानव श्रृंख्ला बनाकर इसका विरोध किया. बाद में भीड़ ने स्मारक पर हमला कर दिया और संस्थान के निदेशक की पिटाई कर दी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद पुरात्तव विभाग ने हमले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. स्मारक के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने बताया कि प्राधिकरण ने घटना की वजह से लोगों की एंट्री को फिलहाल रोक दिया है. जांच समिति को अगले पांच दिनों के अंदर-अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. शहजादपुर स्थित कचहरीबाड़ी टैगोर परिवार का पैतृक घर और राजस्व कार्यालय था. गुरुदेव ने इसी हवेली में रहते हुए अपनी कई सारी साहित्यिक कृतियां रची थीं.

देश भर में हो रहा है विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में इस वक्त अंतरिम सरकार को भारी विरोध सहना पड़ रहा है. देश भर में यूनुस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी सहित देश की कई राजनीतिक पार्टियां और छात्र संगठन देश भर में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने को लेकर जगह-जगह पदर्शन हो रहे हैं.

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