अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ स्थापित करने के निर्देश का स्वागत किया है। AIIMS के डॉक्टरों ने इसे बच्चों में बढ़ती डायबिटीज और उच्च रक्तचाप की समस्या से निपटने के लिए समय पर उठाया गया कदम बताया है।
AIIMS की एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर रीमा दादा ने कहा कि आजकल 10 साल तक के बच्चे भी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, जिसका मुख्य कारण अस्वस्थ खानपान है। उन्होंने बताया कि बच्चों की कैलोरी का 15% हिस्सा अतिरिक्त चीनी से आ रहा है, जबकि यह सीमा 5% होनी चाहिए।
CBSE ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ‘शुगर बोर्ड’ स्थापित करें, जिन पर दैनिक चीनी सेवन की सिफारिश, सामान्य खाद्य पदार्थों में चीनी की मात्रा, अधिक चीनी सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम और स्वस्थ विकल्पों की जानकारी दी जाए। इसके अलावा, स्कूलों को जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने और 15 जुलाई तक इन गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
AIIMS ने स्कूलों की कैंटीन में स्वस्थ खाद्य विकल्प उपलब्ध कराने और बच्चों व अभिभावकों को संतुलित आहार के महत्व के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।