प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खिलाफ 2,929.05 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन निरोधक कानून (PMLA) के तहत नया मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा अगस्त में दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अंबानी और उनकी कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को यह भारी वित्तीय नुकसान पहुँचाया।
CBI की FIR में कहा गया है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और अंबानी ने आपसी कंपनियों के बीच 2,219 करोड़ रुपये के ऋण लेन-देन किए, जो बैंक के खातों में हेरफेर करके और धोखाधड़ी से किए गए थे। इससे बैंक को धोखाधड़ी का नुकसान हुआ।
इससे पहले, बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रिलायंस कम्युनिकेशंस और अंबानी के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया था। अंबानी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और वे इन आरोपों का दृढ़ता से विरोध करते हैं।
यह मामला अंबानी और उनके समूह के लिए कानूनी और वित्तीय संकट को और बढ़ाता है, क्योंकि इससे पहले भी उनके खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज किए गए हैं।